Saturday, November 17, 2012


You know we are not updating more sexy stories?  Cause we are busy lol :P

Sunday, July 1, 2012


Monday, December 28, 2009


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Tuesday, December 22, 2009



फिर वो उठे और बैग से कुछ निकाला और कहा, “जान तुम्हारे लिए साड़ी लाया हूँ प्लीज़ ! इसे पहन लो न !” मैं फिर उठी और बाथरूम चली गई और तैयार हो कर आई तो भैया मुझे ऐसे देखने लगे जैसे कोई बलात्कारी देख रहा हो और वो तुंरत आ कर मुझसे चिपक गए और मुझे फिर बिस्तर पर पटक दिया और अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर आ कर मेरे ऊपर चढ़ गए और कहा “अब नहीं रहा जाता जान , अब तो मैं पूरा फाड़ दूंगा तुझे , आज वैसे भी जा रहा हूँ दिल्ली अब अगले महीने ही आऊंगा !” कहते हुए भैया ने मेरी साड़ी उतार दी।

भैया मेरी चूत पर बैठे हुए थे और मेरी चूचियों को मसल रहे थे . मैंने कहा “रौंद डालो आज मुझे जान, मत छोड़ना आज मुझे, जम कर चोदो आज मुझे ” ये सुनते ही भैया ने दोनों हाथों से कस कर मेरे दोनों चूचुक नौच लिए जिससे मैं चीख उठी और मेरी एक टांग अपने कंधे पर रख कर अपने लण्ड को मेरी चूत पर रख कर जोर का झटका मारा तो …..

“आऽऽ अऽऽ ! आऽ आहऽऽ ह ……”

“रानी अभी तो आधा ही गया है , अभी तो पूरा जाना है .. ओह ह ह !”

“भाई जान प्लीज़ऽऽऽऽ ….! दर्द हो रहा है ! अऽआऽऽआऽऽआह ह !”

“और ले रानी … अब तो तेरी बहन नीतू मेरी साली हो गई है और अब उसे भी करना है ” कहते हुए पूरा लण्ड मेरी चूत में ठेल दिया।

“आ अ आया आह ह हह न ना आ आ !… नीतू तो भोली है …! प्लीज़ उसे तो छोड़ देना !”

“नहीं जानेमन …! साली आधी घरवाली ही तो होती है …!”

“ठीक है जान …! आ आ अ आह हह … कर लेना उसके साथ …! उसे यहीं ले आओ ना मिल लूंगी !”

“ठीक है फिर उसे यहीं चोदूंगा उस कमसिन जवानी को !”

फिर भैया ने मुझे १५ मिनट तक जम कर चोदा। फिर वो ऑफिस की कार से चल दिए एअरपोर्ट के लिए, साथ में मैं भी थी। कार में वि मेरी चूचियाँ दबाते हुए और किस करते हुए गए थे। उन्होंने ड्राईवर को कह दिया की मुझे कॉलेज छोड़ देगा। फिर मैं उनको छोड़ कर कार से आने लगी थी कॉलेज को. मैं कार में आगे ही बैठी थी।

ड्राईवर का नाम मोहन था। मोहन ने कहा “और मैडम लगता है आप अपने भाई से काफी सेक्स किया है !”

मैं यह सुनते ही सन्न रह गई।

मैंने कहा, “प्लीज़ ! ये बात मत किसी को बताना आप !” कहते हुए मेरे हाथ अपने आप उसके कंधे पर चले गए। उसने सुनसान जगह देख कर कार अचानक साइड में अँधेरे में रोक दी। उसने कहा,“आप तो घबराने लगी ! क्या हो गया?” उसने कहते हुए मुझे किस कर लिया और मेरे बूब्स मसलने लगा।

मैंने घबराकर कहा, “ये क्या कर रहे हैं आप?”

“क्यों मैडम अपने भाई से करवा सकती हो और मैं …..! मैं क्या मर गया हूँ?”

उसने मेरी सीट पीछे की तरफ कर दी थी जिससे मैं लगभग लेटी हुई थी। उसने एक हाथ मेरी शर्ट के अन्दर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगा, मेरी जींस की जिप भी खोल दी और चूत में ऊँगली करने लगा।

“आया आ अह ह …. प्लीज़ मत करो !”

मोहन करीब २६-२७ साल का था और ५”११” कद का होगा और काफी तगड़ा भी था। फिर उसने मेरी जींस खोल के घुटने तक सरका दी, मेरी शर्ट फाड़ दी और फिर उसने अपनी शर्ट उतार दी और अपनी पैंट भी अपने घुटने तक सरका दी। मोहन फिर मेरी टांगों के बीच में मेरे ऊपर आ गया। अब हम ऐसी पोसिशन में थे कि हम दोनों आराम से अलग भी नहीं हो सकते थे। उसने मेरी ब्रा भी मुझसे अलग कर दी और मेरी चूचियों को चूसने लगा।

उसका लण्ड करीब १०” लम्बा और ३” मोटा था जो कि भैया से भी तगड़ा था। मैं घबरा गई थी पर कुछ कर भी नहीं सकती थी।

“प्लीज़ मत करो ना ….. बहुत तकलीफ होगी मैं मर जाऊंगी !”

“अब होने दो मैडम जो हो रहा है, अब नहीं रहा जाता ! वैसे भी आप बहुत खूबसूरत हैं।” ये कहते हुए उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया।

“प्लीज़ मुझे छोड़ दो ….!” पर धीरे धीरे मुझे भी कुछ होने लगा था।

“अब बस मैडम इसके बाद आप को मैं छोड़ दूंगा !” कहते हुए उसने जोर लगा दिया। पर इतना मोटा लण्ड कहाँ जाने वाला था अन्दर। मैंने भी सोच लिया था कि अब तो चुदना ही है उसके बाद फ्री तब मैंने उसका लण्ड पकडा तो घबरा गई कि इतना मोटा। फिर भी मैंने उसको अपनी चूत में थोड़ा फंसाया और कहा “अब करो पर आराम से !”

ये सुनते ही उसने जोर का झटका मारा …..

“आ आ अ आ अ आह ह ह ….. मर गई ई इ ई इ ” मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ में गड़ गए।

“ऊऊओह सेक्सी बेबी …. अभी तो १/३ ही गया है २/३ तो बचा है !” उसका लण्ड मेरी चूत में बहुत कसा कसा जा रहा था पर लण्ड पूरा नहीं जा पाया और उसने मुझे १० मिनट तक चोदा जिसमे मैं २ बार झड़ गई थी। फिर हम दोनों किसी तरह उठे और उसने तुंरत गाड़ी दौड़ा दी और १० मिनट में अपने घर ले गया। उस वक़्त रात के ९ बज रहे थे।

मैंने कहा,“ये कहाँ आ गए हम, आप तो मुझे कॉलेज ले कर जाने वाले थे?”

“पहले फ्रेश तो हो जाएँ, फिर छोड़ दूंगा।”

“ठीक है पर जल्दी करिए न, अब तो आप मेरे साथ कर ही चुके हैं !”

हम दोनों जैसे ही घर में घुसे, उसने तुंरत दरवाजा बंद कर लिया और मुझसे चिपक गया।

“ये क्या कर रहे हो आप …..! प्लीज़ छोड़ दो !….. अब नहीं !”

“अभी कहाँ हुआ है पूरा जानेमन ! अब तो घर पर ही जम कर करूंगा जानेमन !”

“आप तो आ आ अ आह ह ह …. मत मसलो मुझे प्लीज़ … मुझे कॉलेज छोड़ दो !”

“कॉलेज की तो परसों तक छुट्टी है इसीलिए आज प्लीज़ घर पर ही …!” कहते हुए उसने मेरी दूसरी शर्ट भी फाड़ दी और मेरी जींस उतारने लगा और अपने दाँतों से मेरे निप्प्ल चबाने लगा।

मुझे भी कुछ होने लगा था। तब मैंने भी सोच लिया कि अब कोई चारा नहीं है।

मैं भी फिर उसको किस करने लगी, उसकी शर्ट उतार दी और उसकी पैंट खोल दी। २ मिनट में हम दोनों नंगे एक दूसरे से चिपके हुए किस कर रहे थे। वो मेरे नंगे बदन को देख कर पागल हो गया, मुझे अपने बिस्तर पर ले जा कर पटक दिया और बेतहाशा चूमने लगा। मैं भी उसे चूमने लगी।

“अब नहीं छोड़ूंगा तुम्हें …! आज जी भर कर खाऊँगा … तुम्हें !”

“खा के तो दिखाइए मुझे … ! देखें कितना दम है !”

“जानेमन कार में तो झेल नहीं पाई और दम की बात करती हो?” यह कहते हुए वो मेरी टांगों के बीच में आ गया और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया और जोर का झटका मारा।

“आ आ अ आ अ आह ह ह … प्लीज़ निकाल लो …!”

“ऊंह ह ह आह बहुत कसा कसा जा रहा है जानेमन ! अभी तो आधा बाकी है !” कहते ही उसने और जोर लगाया पर उसका लण्ड बहुत मोटा था और मैं कमसिन सी लड़की उसको झेल नहीं पा रही थी। जवाब में मैं उसकी पीठ में अपने नाखून गड़ा रही थी।

“आऽऽअ आह्हहहऽऽऽ उई माँ ऽऽऽ मर जाऊंगी मैंऽऽऽ !”

“आज तुझे अपना बना के ही छोड़ूँगा जानेमन !” कहते हुए उसने ३-४ जोरदार झटके मारे तो मैं कराह उठी क्योंकि अब शायद १-२” ही बाकी था पूरा जाने में।

“आ ऽऽऽऽ अ आहऽऽऽऽ ओऽऽह अ आऽअ आऽऽऽअ … आज मेरा पूरा भुर्ता बन जाएगा, मुझे किसी लायक नहीं छोड़ोगे क्या?”

“जानेमन अब तुम सिर्फ़ मेरे लिए ही रहोगी अब तो बस ! …..”

फ़िर उसने मुझे आधे घण्टे तक जम के चोदा और हम थक कर पसर गए। उसके बाद हम दोनों बाहर खाना खाने गए और वापिस उसी के घर आ गए। मैं बहुत थक भी गई थी और हम दोनों सो गए। करीब एक घण्टे बाद मोहन उठा और मुझे चूमने लगा।

मैंने पूछा,“ क्या हुआ और अब यह क्या हो रहा है ! अब तो हो चुका ना !”

“अभी तो बहुत कुछ होगा मैडम ! और वैसे भी आपको मेरा दम देखना था और आप मेरी हो चुकी हैं।” कहते हुए वो मेरे कपडे उतारने लगा।

“अच्छा … तो दिखाओ ना अपना दम !” कहते कहते मैं भी उसके कपडे उतारने लगी और चूमने लगी। फिर उसने मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दिया।

“आ अ आ आया अआया अह ह्ह्ह … फक्क मी ! कम ओन … चोद डालो आज मुझे, बना लो आज मुझे अपना ….. ओ ऊ ओऊ ऊह हह ”

फिर उसने ३-४ मिनट बाद ५ मिनट तक घोड़ी बना कर चोदा फिर उठा और तेल ले कर आया और मेरी गांड के छेद पर मला तो मैंने पूछा “अब क्या करेंगे आप ?”

“अभी तो पीछे से भी लेना है ” कहते हुए उसने मेरी गांड में एक ऊँगली डाल दी और तेल लगाने लगा।

“आ आ आया अ आया आ आह हह …. प्लीज़ नहीं … पीछे से नहीं ! बहुत तकलीफ होगी !”

“तो होने दो ना … अब तो मेरी ही हो … प्रैक्टिस कर लो और वैसे भी आज मैं अपना लण्ड तुम्हारे हर छेद में डालूँगा ”

फिर उसने मेरी एक ना सुनी और मुझे घोड़ी बना दिया, हम दोनों ज़मीन पर थे और मैं बेड पर अपने हाथ टिकाये हुई थी। उसने अपना लण्ड टिका दिया मेरी गांड के छेद पर और जोर का झटका मारा।

“आ आ आ अ औ ऊ ऊ ओऊ ऊऊ ऊओउऊ ऊऊ ऊह्ह ह्ह्छ … बहुत दर्द हो रहा है प्लीज़ निकाल लो …!”

“आया हह अभी तो १” ही अन्दर है अभी तो पूरा … अह ह्ह्ह !” कहते हुए वो कस कर झटके मरने लगा।

“ओऊ ओऊ ऊह्ह ह्ह्ह मेरा दम निकल जायेगा !” पर शायद मैं भी उसका साथ दे रही थी और मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थी।

“जान हम दोनों का दम यहीं निकलेगा पर तुम में क्या दम है !…. आह हह !” फिर हम दोनों खड़े हो गए और वो पीछे से मेरे बूब्स मसलने लगा और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे, जबकि उसका ४ ” लण्ड मेरी गांड में था।

फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गए वो बैठ गया और मुझे अपनी गोदी में बैठा लिया और बैठने को कहा तो मैंने भी जोर लगाया …..

“आ अ आ आया अ आह हह …. बहुत दर्द हो रहा है !” वो फिर मेरे कंधे को पकड़ कर जोर लगाने लगा तो ६” लण्ड किसी तरह गया और वो दूसरे हाथ की उँगलियों से मेरी चूत चोदने लगा और २ मिनट बाद मुझे बिस्तर पर लिटा कर जम कर मेरी गांड १५ मिनट तक मरी मैं चीखती रही पर हम दोनों फिर भी लगे रहे। फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर सो गए।

सुबह मैं १२ बजे के करीब उठी तो देखा वो कहीं गया हुआ था। वो १५ मिनट में आ गया और खाने को कुछ लाया था। फिर हम दोनों ने खाना खाया और थोड़ी देर बाद हम दोनों नंगे नहाने एक साथ गए और नहाते समय उसने मुझे खूब मसला और मैंने उसे।

फिर नहाने के बाद वो मुझे अपनी बाँहों में उठा के बिस्तर पर ले कर आ गया और हम दोनों बिस्तर पर पसर गए और एक दूसरे को चूमने लगे और एक दूसरे का लण्ड और चूत सहलाने लगे। फिर वो उठा और मेरी टांगें अपने कंधे पर रख ली और मुझ पर झुक कर मेरी चूत पर अपना लण्ड रख कर अन्दर ठेलने लगा और मेरी चिकनी टांगों को चाटने लगा।

लण्ड कसा कसा जा रहा था। फिर वो लेट गया और मुझे अपने ऊपर कर लिया और कहा,“अब आप करो मैडम … ज़रा देखें आपका दम !”

“काहे की मैडम ?… आपने तो अब मुझे अपना बना लिया है !”

“अभी कहाँ बनी आप मेरी … अभी तो बच्चे पैदा करोगी आप और अपनी चूत से हमारे बच्चे निकलोगी और वो भी कम से कम २ !”

“अभी नहीं … अभी तो मैं सिर्फ १८ की ही हूँ … २ -३ साल बाद प्लीज़ !”

“अभी का किसने कहा है जान मेरी रानी … अभी तो तुम्हें इस लायक तो बना दूं और अभी तो हमें काफी मजे करने हैं !”

बातें करते करते मैं उसके लण्ड को धीरे धीरे अपनी चूत में लेने लगी, वो मजे से नीचे लेटा हुआ था और मेरी चूचियों को मसल रहा था। उसका लण्ड बहुत कसा कसा जा रहा था। फिर उसने नीचे से झटके मरने चालू कर दिए और मैं ऊपर से झटके मारने लगी पर २-३ मिनट में ही निढाल हो गई तो उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद ऊपर आ गया और रगड़ कर चोदने लगा मुझे।

“आ आ अ आः हह … जम कर चोदो मुझे जान !”

“ओह्ह … अब तो रोज ही करूंगा

हम दोनों १५ मिनट तक सेक्स करते रहे और फिर थक कर सो गए। दोपहर में खाना खा कर उसने मुझे कॉलेज छोड़ दिया।

फिर २०-२५ दिन बाद भैया फिर आये और मेरी बहन नीतू को ले कर आये तो मैं खुश हो गई। फिर हम तीनों एक ही कमरे में रुके और मैंने उनको सारी बात बता दी तो उन्होंने पूछा “तो तुम क्या चाहती हो … बताओ ?”

“मैं अब आपके लायक नहीं रह गई हूँ और मैं सोचती हूँ कि अब मोहन से ही शादी कर लूं !” मैं रोते हुए बोली।

“और मेरा क्या होगा … तुमने कभी सोचा ?”

“आप नीतू से कर लो न … प्लीज़ … हम दोनों नीतू को मना लेंगे !”

नीतू और मेरी फिगर लगभग एक ही जैसी है बस शकल से अलग हैं बस उसका बदन मेरे से ज्यादा कसा हुआ है।

“ठीक है … अब तुम मेरी साली हो जाओगी हा हा हा !”

फ़िर हम दोनों ने नीतू को सारी बात बता दी और समझाया तो वो मान गई। फिर हम तीनो बिस्तर पर पसर गए। भैया नीतू की चूचियों को सहलाने और मसलने लगे तो वो कसमसाने लगी।

फिर मैं भी भैया की मदद करने लगी, उनकी शर्ट उतार दी और उनकी पैंट खोल दी। फिर मैं नीतू की भी पैंट उतारने लगी तो भैया ने उसकी शर्ट उतार दी। उसका नंगा बदन देख कर भैया पागल हो उठे, उसको किस करने लगे और कस कस कर चूचियां मसलने लगे, जिससे नीतू भी पागल हो उठी और मैं भी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और नीतू को मैं चूमने लगी।

हम दोनों बहनें पहली बार एक साथ नंगे एक ही बिस्तर पर थी और अब हम तीनों ही नंगे थे।

अब बाकी अगली कहानी में !


Sunday, December 20, 2009



दोस्तों मैं अजनबी दहिया आपके सामने अपनी पहली कहानी ‘ आशा भाभी ‘ का दूसरा भाग पेश करने जा रहा हूँ।


सबसे पहले मैं गुरूजी का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने मेरी कहानी को समझा और आप लोगों तक प्रकाशित किया। और उन फड़कती हुई चूतों को भी मेरा सलाम जो हमेशा किसी लण्ड की तलाश में रहती हैं। चूतें हमेशा चुदने के लिए ही होती हैं।

पहली घटना के एक महीने बाद मैं फिर से आशा भाभी के शहर में चला गया। मैंने वहां होटल में कमरा लिया और पॉँच दिन तक रुका। मैंने आशा को फ़ोन कर कमरे पे शाम को बुला लिया. वो मेरी पसंद की काली साड़ी में शाम को पाँच बजे वहां आ गई। उसके आते ही मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।

मैंने उसे बाहों में भर लिया और चूमने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने उसे उठाया और बेड पे लिटा दिया।

मैंने उसके होंठों को जी भरके चूसा। फिर मैंने उसकी काली साड़ी को निकाल फेंका। फिर मैं उसके स्तनों को ब्लाऊज़ के ऊपर से ही मसलने लगा। वो भी मुझे कस के बाहों में लिए हुए थी और बहुत ही खुश थी क्योंकि मेरी पहली चुदाई से ही वो गर्भवती हुई थी। जिन्दगी में उसे मेरी वजह से पहली बार माँ का सुख मिल रहा था।

मैंने उसके ब्लाऊज़ और पेटीकोट को उतार दिया। अब वो ब्रा और पेंटी में थी और बड़ी ही सेक्सी लग रही थी। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और उसे चूमने लगा। एक हाथ से मैं उसके छोटे-२ स्तन सहला रहा था। मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला तो वो गीली हो चुकी थी। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था। मैं उसकी चूत में ऊँगली घुमाने लगा।

मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल फेंका, अब हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे। मैं उसके दोनों बूब्स को बारी-२ से सहला रहा था और उसके रस भरे होंठों को चूम रहा था।

अब आशा ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। अब हम दोनों ६९ पोज़िशन में आ गए। वो मेरे लण्ड को लॉलीपोप की तरह बड़े ही मजे से चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था। करीब पन्द्रह मिनट बाद हम अलग हुए। वो दो बार झड़ चुकी थी। अब उससे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

उसने मुझसे कहा- अब जल्दी से ऊपर आ जाओ !

मैंने अपने लण्ड को निशाने पे फिट किया और उसकी बूर पे रखकर एक जोरदार झटका मारा, वो दर्द के मारे कराहने लगी। मैं उसके स्तन मसलने लगा।

जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक और जोरदार शोट मारा और पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत की गहराई में समां गया। वो एक बार फिर दर्द से चिल्ला उठी और आऽऽआआऽऽऽऽऽऽआ आह्ह्ह्ह्ह् ईईइऽऽऽ ऊऊऊऊऊह्ह्ह् की आवाजें करने लगी। मैंने उसके होंठों पे अपने होंठ रख दिए।

जब उसका दर्द कम हो गया तो वो कहने लगी- जोर से चोदो मेरे राजा ! आज इस चूत का भोसड़ा बना दो ! और जोर से ………. और जोर से ! आज मुझे छोड़ना नहीं मेरे रजा ………….. मुझे आज पेल दो आज …………………..!

मैं जोर-२ से धक्के लगाने लगा। आशा भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और नीचे से गांड उठा २ झटके मार रही थी। करीब पन्द्रह मिनट बाद मैंने कहा- अब मैं झड़ने वाला हूँ।

इससे पहले वो दो बार झड़ चुकी थी, तो उसने कहा- स्पीड बढ़ा दो !

मैं तेज-२ झटके लगाने लगा और १०-१५ झटकों के बाद मेरा लावा उसकी चूत में समां गया। वो आज बहुत ही खुश हुई।

फिर मैंने उसे अगले दिन कुतिया बना के भी चोदा।

इस तरह आज वो माँ बनने वाली है और आज भी मुझसे बहुत प्यार करती है।

दोस्तों आशा करता हूँ मेरी यह कहानी भी पहली कहानी की तरह आपको बहुत पसंद आएगी, इसी विश्वास के साथ यहीं ख़त्म कर रहा हूँ पर मेल भेजना न भूलिएगा।

आपकी मेल का इंतजार रहेगा !


Wednesday, December 16, 2009



प्रेषक : मुकेश

मैं मुकेश, राजस्थान से, एक अच्छे व्यक्तित्व वाला और अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ। मैं आप को एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

मेरा एक दोस्त है राहुल। राहुल और मैं साथ साथ पढ़े लिखे, मगर राहुल की शादी मुझसे पहले हो गई। राहुल एक पायलट है। उसकी शादी शिमला की निधि नाम की लड़की से हुई थी। वो जब भी बाहर जाता मुझे हमेशा कह कर जाता कि निधि का ख्याल रखना। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।

एक दिन मैं भाभी के घर गया, दरवाज़ा बन्द था, मैंने बेल बजाई मगर कुछ देर तक कोई नहीं आया। कुछ देर बाद राहुल की ३ साल की बेटी ने दरवाज़ा खोला।

मैंने उससे पूछा- मम्मी कहाँ है?

तो वो बोली- मम्मी अपने कमरे में काम कर रही हैं, मैं उसके कमरे की तरफ़ गया, मुझे वहाँ कोई नहीं दिखाई दिया। मैं वापिस आ रहा था कि इतने में मुझे बाथरूम से कुछ आवाज़ आई-आ ऽऽऽआआ आआआऽऽऽऊऊऊऊम्मम्मम्मम्मम्म ।

मुझे आवाज़ अजीब सी लगी और मैं बाहर चला आया। कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकली बिना कपड़ों के पूरी नंगी। उनको नंगा देख कर मेरा लण्ड जो कि ८ इन्च का है खड़ा हो गया। भाभी जल्दी से बाथरूम की तरफ़ भाग गई और तौलिया लपेट कर बाहर आई। मुझे काफ़ी डर लग रहा था कि भाभी मुझ पर चिल्लाएंगी। मगर भाभी मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी- मुकेश तुम कब आये?

मैं उनकी बातें समझ नहीं पा रहा था। मैंने भाभी से कहा- मैं चलता हूँ, फ़िर आऊँगा।

मैं घर पहुँचा मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मुझे सारा दिन सारी रात भाभी का वही नंगा बदन याद आ रहा था। बार बार मेरा लौड़ा खड़ा हुए जा रहा था। मैंने उसे एक हसीन सपना समझकर भूलने की काफ़ी कोशिश की मगर भूल नहीं पा रहा था।

लेकिन एक दिन अचानक मेरे सेल पे भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे घर आने को कहा। मुझे लगा कि शायद भाभी को कोई काम होगा इसलिये बुलाया है, मैं घर पहुँचा, मैंने दरवाज़े पर घण्टी बजाई, भाभी ने गेट खोला और मुझे अंदर आने को कहा। मैंने भाभी से पूछा कि श्वेता कहाँ है?

तो वो बोली- अपनी सहेली के घर गई है।

उन्होंने मुझे अपने कमरे में आने को कहा और मैं उनके पीछे चला गया।

मैंने वहाँ एक १८-१९ साल की लड़की को देखा। मैंने भाभी से पूछा- यह कौन है?

तो भाभी बोली- ये मेरे मामा की लड़की है, कल ही शिमला से आई है। उसका नाम रानी है।

मैंने भाभी से पूछा- भाभी ! कुछ काम था जो आपने मुझे याद किया?

तो भाभी बोली- क्या काम होगा, तभी बुला सकती हूँ क्या?

मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि भाभी क्या चाहती हैं मुझसे। फिर मैं रानी से बातें करने लगा और धीरे धीरे वहो मेरे करीब आने लगी । उसने मेरे लण्ड पे हाथ रखा मेरा, लण्ड खड़ा हो गया। मैं बेकाबू हो गया, मैंने उसे पकड़ लिया और उसके होंठ चूमने लगा। मुझे कुछ ख्याल नहीं था कि मैं कहाँ और किसके घर में हूँ।

मुझमें और जोश आने लगा, मैं उसके स्तन जो कि काफ़ी छोटे और नरम थे ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। वो मुझसे कहने लगी- धीरे करो मुकेश !

मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लण्ड बहुत तड़प रहा था। मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु किए और सारे कपड़े उतार दिये। उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिये, बस अण्डरवीयर उतरना बाकी था।

उसमें भी काफ़ी जोश आ चु्का था, उसने मेरा अण्डरवीयर फ़ाड़ दिया और कहने लगी- जल्दी डालो मुकेश जल्दी डालो ! मुझसे रहा नहीं जा रहा !

मैंने उसकी छोटी सी चूत में अपना लण्ड डाला, वो ज़ोर से चिल्लाई- मुकेश ! आऽऽऽऽआआआअह्हह्हह बाहर निकालो !

इतने मैं भाभी आ गई और उन्होंने हम दोनो को नंगा देखा तो उनमें भी जोश आ गया और वो भी अपने कपड़े उतारने लगी। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो रहा है।

फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पे धकेल दिया और मेरे ऊपर रानी को बैठाया और कहने लगी- अपना लण्ड इसकी चूत में डालो ! मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में डाला। वो फिर ज़ोर से चिल्लाई- आआऽऽऽऽऽऽह्हह्हह्हह्हह्ह…! मुकेश धीरे !

मुझसे अब नहीं रहा जा रहा था, मैंने ज़ोर ज़ोर से चूत मारना शुरु कर दिया।

वो चिल्लाने लगी- आआआअ…ह्हह्हह्हह्हह्ह…ई………ऊउ ………………… हाय रे…… !

मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा। १०-१२ शॉट के बाद मेरा माल निकल गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा, वो डर गई मगर भाभी ने कहा- कुछ नहीं पहली बार ऐसा ही होता है।

उसके बाद मैं अपने कपड़े पहन ही रहा था कि भाभी मुझसे कहने लगी- नहीं मुकेश ! रुको ! अभी मैं बाकी हूँ !

मैं उस दिन काफ़ी जोश में था। अब भाभी मेरे ऊपर थी और मैं उनके होंठों पे किस कर रहा था। मुझमें काफ़ी जोश आ रहा था। वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।

आआआआ…ह्हह्हह्हह्हह………ओ………हज………ह्ह्हह्हह्हह्हह्ह।प………प्पपप्पप्पु……स्सस्सस्सस्सस्स…………ह्हह्हह्हह्हह।

मुझे काफ़ी मजा आ रहा था। उन्होंने मुझमें और जोश ला दिया। फिर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत में डाल दिया।

वो कहने लगी- मुकेश तुम में काफ़ी जोश है ! मेरी प्यास बुझा दो।

मेरे दिलो-दिमाग पे भाभी छा रही थी, मैं भी बेकाबू हो गया था। मैं शॉट मारने लगा।

भाभी आआआआआआअ……न…इ………स……………ए………जी…तु…… कहने लगी।

मैं और ज़ोर ज़ोर से शॉट मारने लगा। उन्हें काफ़ी मजा आ रहा था। वो कम ओन मुकेश …कम ओन मुकेश ………डू इट ! कह रहि थी और मैं पूरे जोश से शॉट मार रहा था, लेकिन इस बार मेरा माल बाहर नहीं आ रहा था। मैं और ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा।

भाभी आआ…………ह………ह्हह्हह्हहह्हहह……………ऊऊऊऊऊऊऊऊओ…स………सओ……म……ए… मुकेश ! कहे जा रही थी। १५ बार शॉट मारने के बाद मेरा माल निकल गया और फिर कुछ देर के लिये मैं उनसे लिपट गया। उसके बाद मैंने कपड़े पहने और भाभी से कहा- मैं अब घर जा रहा हूँ !

भाभी कहने लगी- मुकेश आते रहना !

और उसके बाद हमारा सिलसिला ऐसा ही चलता रहा।

लेकिन एक दिन राहुल का तबादला दिल्ली हो गया और हम दोनों जुदा हो गये।

मुझे आज भी भाभी की याद सताती रहती है और साथ साथ रानी कि भी जो शिमला वापिस चली गई।

मुझे आज भी किसी भाभी का या किसी रानी का इन्तज़ार है !

आपको मेरी कहानी कैसी लगी?

आपका यह दोस्त मुकेश फिर एक कहानी लेकर आपके सामने जल्द ही हाज़िर होगा !


Monday, December 14, 2009



मेरा नाम समीर है।

मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और मुझे सेक्स की बातें अच्छी लगती है।

मेरी कहानी कुछ एक साल पुरानी है। जब मैं नेट में कुछ काम कर रहा था तब कोई साईट खुल गई जो दोस्त बनाती है।

वहाँ जाने से मुझे कुछ दोस्त मिल गए। वहाँ से मैंने लड़कियों से बातें करनी चालू की।

और वहाँ एक लड़की बहुत आज़ाद किस्म की निकली। हम करीबन एक साल सेक्सी बातें करते रहे।

उसके बाद एक दिन उसने मेरा फ़ोन नम्बर माँगा तो मैंने उसे अपना फ़ोन नम्बर दे दिया।

उसके पहले मैंने उससे कई बार उसका फ़ोन नम्बर माँगा था पर उसने मना किया था, और आज उसने अपने आप से मेरा नम्बर माँगा तो मैंने उसे दे दिया।

फ़िर एक दिन उसने मुझे कहा- उसकी चूत में बहुत खुजली हो रही है उसे मिटाओ ना !

मैंने उसे बुलाया एक जगह और हम दोनों ने जम के चुदाई की।

मैंने उसे बहुत आनंद दिया, वो मेरे लंड की दीवानी हो गई।

उसने मेरा सारा पानी अपने मुँह में लिया और निगल गई।

तब मुझे भी उसकी चूत का रसपान करने में बहुत मजा आया।

वो मुझे फ़िर से मिलने को मना करके चली गई।

उसके जाने के बाद मुझे आज तक उसकी चूत की बहुत याद आ रही है।

मैं दूसरी चूत के लिए आज भी ऑनलाइन रहता हूँ अगर कोई लड़की मिल जाए तो।

मैं अभी तक खुल के नहीं लिखा पाया हूँ। पर वादा करता हूँ अगर कोई और मिलेगी तब शायद कुछ ज्यादा लिख पाऊंगा आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे उत्तर देना प्लीज़